Bengali बंगाली संस्कृति और परंपराएँ
Bengali
बंगाली भाषा न केवल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल की आधिकारिक भाषा है, बल्कि यह एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भी धरोहर है।
आपको यह जानने में रुचि होगी कि बंगाली भाषा का इतिहास और साहित्य कितना समृद्ध है, और कैसे यह भाषा आपके लिए एक नए सांस्कृतिक द्वार को खोल सकती है।

इस लेख में, हम बंगाली भाषा के विभिन्न पहलुओं का अन्वेषण करेंगे, जिससे आपको इसकी विशिष्टता और महत्व को समझने में मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
- बंगाली भाषा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- बंगाली साहित्य की विशेषताएं
- बंगाली संस्कृति का प्रभाव
- बंगाली भाषा सीखने के लाभ
- बंगाली भाषा का भविष्य
बंगाली भाषा का इतिहास और विकास
बंगाली भाषा का उद्गम प्राचीन काल में हुआ था, और इसका विकास विभिन्न भाषाओं के प्रभाव से हुआ है। यह भाषा न केवल बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल में बोली जाती है, बल्कि इसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है।
https://www.youtube.com/watch?v=Zondj1YnR-0
प्राचीन काल में बंगाली भाषा
प्राचीन काल में, बंगाली भाषा संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं से प्रभावित थी। इस दौरान, बंगाली ने अपनी विशिष्ट भाषा विशेषताओं को विकसित करना शुरू किया।
मध्यकालीन विकास
मध्यकाल में, बंगाली भाषा ने अपना विशिष्ट रूप लेना शुरू किया। इस दौरान, बंगाली साहित्य में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आंदोलनों का प्रभाव देखा गया।
आधुनिक बंगाली का उदय
आधुनिक बंगाली का उदय ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ, जब इसने अंग्रेजी के प्रभाव को भी आत्मसात किया। इस दौरान, बंगाली साहित्य और संस्कृति में नए आयाम जुड़े।
ब्रिटिश शासन का प्रभाव
ब्रिटिश शासन ने बंगाली भाषा पर गहरा प्रभाव डाला। अंग्रेजी भाषा के प्रभाव से बंगाली में कई नए शब्द और अभिव्यक्तियाँ आईं।
भाषा आंदोलन
भाषा आंदोलन ने बंगाली को एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई। इस आंदोलन ने बंगाली भाषा के महत्व को रेखांकित किया और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
आप बंगाली भाषा के इस ऐतिहासिक सफर को समझेंगे और इसके विकास की प्रक्रिया को जानेंगे। बंगाली भाषा का इतिहास न केवल इसकी प्राचीन जड़ों को दर्शाता है, बल्कि इसके निरंतर विकास और आधुनिक संदर्भों में इसकी प्रासंगिकता को भी उजागर करता है।
Bengali भाषा का भौगोलिक विस्तार
बंगाली भाषा न केवल बांग्लादेश की राष्ट्रभाषा है, बल्कि इसका प्रभाव भारत के कई राज्यों में भी देखा जाता है। इसका भौगोलिक विस्तार बहुत व्यापक है और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
बांग्लादेश में बंगाली
बांग्लादेश में बंगाली भाषा का विशेष महत्व है। यहाँ की अधिकांश आबादी बंगाली बोलती है और यह देश की आधिकारिक भाषा है। बांग्लादेश की संस्कृति और साहित्य में बंगाली का गहरा प्रभाव है।
भारत के पश्चिम बंगाल में बंगाली
भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में भी बंगाली भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ की स्थानीय भाषा होने के साथ-साथ, यह राज्य की प्रशासनिक और सांस्कृतिक भाषा भी है। पश्चिम बंगाल में बंगाली साहित्य और कला का एक समृद्ध इतिहास है।
त्रिपुरा और असम में बंगाली
त्रिपुरा और असम राज्यों में भी बंगाली भाषी समुदाय पाए जाते हैं। इन राज्यों में बंगाली भाषा का प्रभाव स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर देखा जा सकता है।
विश्व के अन्य हिस्सों में बंगाली भाषी समुदाय
विश्वभर में बंगाली भाषी लोगों की एक बड़ी संख्या है। बंगाली समुदाय अपनी भाषा और संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। आप देख सकते हैं कि बंगाली भाषा का वैश्विक महत्व कितना है।

बंगाली भाषा का यह भौगोलिक विस्तार न केवल इसकी विविधता को दर्शाता है, बल्कि इसके सांस्कृतिक महत्व को भी उजागर करता है।
बंगाली लिपि और व्याकरण
बंगाली लिपि और व्याकरण की मूल बातें जानना इस सुंदर भाषा को सीखने की दिशा में पहला कदम है। बंगाली भाषा की अपनी विशिष्ट लिपि और व्याकरण नियम हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
बंगाली वर्णमाला
बंगाली वर्णमाला में मुख्य रूप से स्वर और व्यंजन होते हैं। स्वर अक्षर वे होते हैं जो बिना किसी व्यंजन के उच्चारित किए जा सकते हैं, जबकि व्यंजन अक्षरों को उच्चारित करने के लिए स्वर की आवश्यकता होती है।
स्वर और व्यंजन
बंगाली में 12 स्वर और 39 व्यंजन होते हैं। इनका सही उच्चारण सीखना महत्वपूर्ण है।
विशेष चिह्न
इसके अलावा, बंगाली लिपि में कुछ विशेष चिह्न भी होते हैं जो उच्चारण और अर्थ को स्पष्ट करते हैं।

उच्चारण मार्गदर्शिका बंगाल की सांस्कृतिक यात्रा
बंगाली उच्चारण मार्गदर्शिका आपको सही उच्चारण सीखने में मदद करेगी। बंगाली में कुछ ध्वनियाँ हैं जो अन्य भाषाओं से भिन्न होती हैं।
बुनियादी व्याकरण नियम
बंगाली व्याकरण के मूल नियमों में वाक्य संरचना, काल, और लिंग शामिल हैं।
वाक्य संरचना
बंगाली वाक्य संरचना में कर्ता-कर्म-क्रिया का क्रम महत्वपूर्ण है।
काल और लिंग
बंगाली में तीन काल (वर्तमान, भूत, भविष्य) और दो लिंग (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग) होते हैं। इनका सही उपयोग जानना आवश्यक है।
बंगाली भाषा सीखने के लिए प्रारंभिक शब्द और वाक्यांश
बंगाली भाषा सीखने की यात्रा शुरू करने के लिए, आपको कुछ प्रारंभिक शब्द और वाक्यांश जानने होंगे। ये शब्द और वाक्यांश आपको दैनिक जीवन में संवाद करने में मदद करेंगे और आपकी बंगाली भाषा की नींव मजबूत करेंगे।
अभिवादन और परिचय
बंगाली में अभिवादन और परिचय देना सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। आम अभिवादनों में "नमस्कार" (Namaskar) का उपयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है "नमस्ते"। आप "আপনার নাম কি?" (Apnar nam ki?) पूछकर किसी का नाम पूछ सकते हैं, जिसका अर्थ है "आपका नाम क्या है?"।
जब आप किसी से मिलते हैं, तो आप "কেমন আছেন?" (Kemon achen?) कहकर उनका हालचाल पूछ सकते हैं, जिसका अर्थ है "आप कैसे हैं?"। इसका उत्तर देने के लिए, आप "আমি ভালো আছি" (Ami valo achi) कह सकते हैं, जिसका अर्थ है "मैं ठीक हूँ"।
दैनिक वार्तालाप के लिए उपयोगी वाक्यांश
दैनिक वार्तालाप में उपयोग होने वाले कुछ महत्वपूर्ण वाक्यांशों में "কোথায়...?" (Kothay...?) शामिल है, जिसका अर्थ है "कहाँ...?"। आप "বাথরুম কোথায়?" (Bathroom kothay?) पूछकर बाथरूम का पता लगा सकते हैं।
एक अन्य उपयोगी वाक्यांश है "আমি বুঝতে পারছি না" (Ami bujhte parchi na), जिसका अर्थ है "मैं समझ नहीं पा रहा/रही हूँ"। यदि आपको किसी चीज की जरूरत है, तो आप "আমার...দরকার" (Amar...dorkar) कह सकते हैं, जिसका अर्थ है "मुझे...की जरूरत है"।
संख्या और समय
बंगाली में संख्याएँ सीखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। एक से दस तक की संख्याएँ इस प्रकार हैं: এক (Ek) - एक, দুই (Dui) - दो, তিন (Tin) - तीन, etc। समय पूछने के लिए, आप "কটা বাজে?" (Kota baje?) कह सकते हैं, जिसका अर्थ है "कितने बजे हैं?"।
दिशाएँ और स्थान
दिशाएँ और स्थान समझने के लिए, आप "বাম" (Bam) - बायाँ, "ডান" (Dan) - दायाँ, "সোজা" (Shoja) - सीधा, जैसे शब्द सीख सकते हैं। "কোথায়...?" (Kothay...?) का उपयोग करके आप किसी स्थान के बारे में पूछ सकते हैं।
खरीदारी और भोजन से संबंधित शब्दावली
खरीदारी करते समय, आप "কত দাম?" (Kot dam?) पूछकर किसी वस्तु की कीमत पूछ सकते हैं। भोजन के लिए, आप "মেনু কার্ডটা দিন" (Menu cardta din) कहकर मेनू कार्ड मांग सकते हैं। "আমি...খেতে চাই" (Ami...khete chai) का उपयोग करके आप अपनी पसंद का भोजन ऑर्डर कर सकते हैं।
इन प्रारंभिक शब्दों और वाक्यांशों को सीखकर, आप अपनी बंगाली भाषा की यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं और अधिक आत्मविश्वास के साथ संवाद कर सकते हैं।
बंगाली साहित्य का समृद्ध इतिहास
बंगाली साहित्य का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण है, जिसमें कई महान लेखकों और कवियों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। यहाँ हम कुछ प्रमुख व्यक्तियों और उनके योगदान पर चर्चा करेंगे।
रवींद्रनाथ टैगोर और उनका योगदान
रवींद्रनाथ टैगोर बंगाली साहित्य की एक प्रमुख हस्ती हैं। उनकी रचनाओं ने न केवल बंगाली साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि विश्व साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गीतांजलि और नोबेल पुरस्कार
टैगोर की सबसे प्रसिद्ध रचना 'गीतांजलि' है, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उनकी साहित्यिक प्रतिभा का प्रतीक है।
“आपके हृदय की गहराइयों से निकली हुई बातें ही सच्ची कविता होती हैं।”
रवींद्र संगीत
टैगोर ने रवींद्र संगीत के माध्यम से बंगाली संगीत को भी नई दिशा दी। उनके गीत आज भी लोकप्रिय हैं और बंगाली संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।
काजी नजरुल इस्लाम और उनकी कविताएँ
काजी नजरुल इस्लाम एक अन्य महत्वपूर्ण कवि हैं जिन्होंने बंगाली साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताएँ आजादी की लड़ाई में प्रेरणा का स्रोत बनीं।

अन्य प्रमुख बंगाली लेखक
Bengali literature classics
बंगाली साहित्य में कई अन्य प्रमुख लेखकों का योगदान है, जिनमें शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, बिभूति भूषण बंदोपाध्याय, और समरेश मजूमदार शामिल हैं।
लेखक | प्रमुख रचना | विशेषता |
---|---|---|
रवींद्रनाथ टैगोर | गीतांजलि | नोबेल पुरस्कार विजेता |
काजी नजरुल इस्लाम | अग्नিবीणा | क्रांतिकारी कविता |
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय | देवदास | सामाजिक उपन्यास |
आधुनिक बंगाली साहित्य
आधुनिक बंगाली साहित्य में नए विषयों और शैलियों का समावेश हुआ है। यह साहित्य वर्तमान समय की चुनौतियों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है।
बंगाली संस्कृति और परंपराएँ
बंगाली संस्कृति अपनी विविधता और रंगीन परंपराओं के लिए जानी जाती है। यह संस्कृति न केवल बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल में बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है।
बंगाली त्योहार
बंगाली त्योहार बंगाली संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन त्योहारों में शामिल हैं:
- दुर्गा पूजा: यह बंगाली संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
- पोहेला बैशाख (बंगाली नववर्ष): यह बंगाली नववर्ष का जश्न है, जो बंगाली कैलेंडर के पहले दिन मनाया जाता है।
- सरस्वती पूजा: यह देवी सरस्वती की पूजा है, जो ज्ञान और कला की देवी हैं।

पारंपरिक वेशभूषा दुर्गा पूजा बंगाल में
बंगाली पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हैं:
साड़ी और धुती
- साड़ी: बंगाली महिलाएं पारंपरिक रूप से साड़ी पहनती हैं, जो उनकी सुंदरता और संस्कृति का प्रतीक है।
- धुती: बंगाली पुरुष पारंपरिक रूप से धुती पहनते हैं, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है।
लोक कला और संगीत
बंगाली लोक कला और संगीत उनकी संस्कृति की समृद्धि को दर्शाते हैं।
बाउल संगीत
बाउल संगीत एक पारंपरिक बंगाली लोक संगीत है, जो अपनी भावपूर्ण धुनों और गहराई से भरे गीतों के लिए जाना जाता है।
पट चित्रकला
पट चित्रकला एक पारंपरिक बंगाली कला है, जिसमें कपड़े पर चित्र बनाए जाते हैं। यह कला बंगाली संस्कृति की एक महत्वपूर्ण विरासत है।
बंगाली व्यंजन और खाद्य संस्कृति
बंगाली भोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। बंगाली व्यंजनों में विविधता और समृद्ध परंपराएं हैं, जो इस क्षेत्र की खाद्य संस्कृति को विशेष बनाती हैं।
प्रसिद्ध बंगाली व्यंजन
बंगाली व्यंजनों में मछली के व्यंजन और शाकाहारी व्यंजन प्रमुख हैं।
मछली के व्यंजन
बंगाली लोग मछली को बहुत पसंद करते हैं, और उनके कई प्रसिद्ध मछली व्यंजन हैं जैसे कि इलीश मাছ भापा और माचर झोल।
शाकाहारी व्यंजन
शाकाहारी व्यंजनों में भी बंगाली व्यंजन बहुत समृद्ध हैं। আলু পোস্ত (आलू पोस्त) और শাক ভাজা (शाक भाजा) जैसे व्यंजन बहुत लोकप्रिय हैं।
मिठाइयाँ और मिष्ठान्न
बंगाली मिठाइयाँ पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं।
रसगुल्ला और संदेश
रसगुल्ला और संधेश बंगाली मिठाइयों के दो प्रमुख उदाहरण हैं। ये मिठाइयाँ न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि इनका सांस्कृतिक महत्व भी है।
मिष्टि दोई
मिष्टि दोई एक अन्य प्रसिद्ध बंगाली मिठाई है, जो दही से बनाई जाती है और जिसका स्वाद मीठा और अनोखा होता है।
खाने के रीति-रिवाज
बंगाली लोग खाने के दौरान कुछ विशेष रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। भोजन की शुरुआत में पान और সুপারি (सुपारी) का सेवन एक आम परंपरा है।
त्योहारों के विशेष व्यंजन
बंगाली त्योहारों में विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं। दुर्गा पूजा और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर विशेष मिठाइयाँ और व्यंजन तैयार किए जाते हैं।
Aloo Posto Bengali recipe
आधुनिक समय में बंगाली संस्कृति Bengali thali
बंगाली संस्कृति की समृद्धि का पता इसके आधुनिक रूप से चलता है, जिसमें सिनेमा, संगीत, और कला प्रमुख हैं। आप देखेंगे कि कैसे बंगाली संस्कृति ने आधुनिक समय में अपनी पहचान बनाई है और नए आयामों को छुआ है।
बंगाली सिनेमा
बंगाली सिनेमा ने विश्वभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, खासकर सत्यजीत रे जैसे महान फिल्म निर्माताओं के योगदान से। उनकी फिल्में न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।
सत्यजीत रे और उनकी फिल्में
सत्यजीत रे की फिल्में अपनी गहराई और संवेदनशीलता के लिए जानी जाती हैं। उनकी कुछ प्रमुख फिल्में जैसे "पाथेर पांचाली" और "अपराजितो" ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है।
आधुनिक बंगाली फिल्म उद्योग
आज के समय में बंगाली फिल्म उद्योग भी बहुत सक्रिय है, जिसमें नए विषयों और कहानियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। आधुनिक बंगाली फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालती हैं।
संगीत और नृत्य
बंगाली संस्कृति में संगीत और नृत्य का विशेष महत्व है। पारंपरिक और आधुनिक शैलियों का मिश्रण बंगाली संगीत और नृत्य को और भी समृद्ध बनाता है।
बंगाली संगीत और नृत्य न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक विरासत का भी हिस्सा हैं।
आधुनिक बंगाली कला
आधुनिक बंगाली कला में भी नए प्रयोग और शैलियाँ देखने को मिलती हैं। कलाकार अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज और संस्कृति पर नए दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।
कला का प्रकार | विशेषता |
---|---|
चित्रकला | भावनाओं और विचारों का चित्रण |
मूर्तिकला | त्रि-आयामी कला का प्रदर्शन |
बंगाली मीडिया और प्रकाशन
बंगाली मीडिया और प्रकाशन भी बंगाली संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, और ऑनलाइन पोर्टल बंगाली साहित्य और संस्कृति को नए दर्शकों तक पहुँचाते हैं।

बंगाली भाषा सीखने के संसाधन बंगाली विवाह परंपराएँ
बंगाली भाषा सीखने के लिए कई उपयोगी संसाधन उपलब्ध हैं। इनमें ऑनलाइन पाठ्यक्रम, मोबाइल एप्लिकेशन, पुस्तकें, और भाषा विनिमय कार्यक्रम शामिल हैं।
ऑनलाइन पाठ्यक्रम और एप्लिकेशन
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर कई पाठ्यक्रम और एप्लिकेशन उपलब्ध हैं जो बंगाली सीखने में मदद करते हैं।
डुओलिंगो और मेमराइज
डुओलिंगो और मेमराइज जैसे एप्लिकेशन बंगाली सीखने के लिए बहुत उपयोगी हैं। ये ऐप्स इंटरैक्टिव और मनोरंजक तरीके से भाषा सिखाते हैं।
यूट्यूब चैनल और वेबसाइट
यूट्यूब पर कई चैनल और वेबसाइटें बंगाली भाषा के पाठ्यक्रम और ट्यूटोरियल प्रदान करती हैं।
पुस्तकें और शब्दकोश
बंगाली सीखने के लिए पुस्तकें और शब्दकोश भी महत्वपूर्ण संसाधन हैं। ये आपको व्याकरण, शब्दावली, और उच्चारण में मदद करते हैं।
भाषा विनिमय कार्यक्रम
भाषा विनिमय कार्यक्रम आपको बंगाली भाषी लोगों के साथ जुड़ने और अभ्यास करने का अवसर प्रदान करते हैं।
बंगाली भाषा के ऑनलाइन समुदाय
ऑनलाइन समुदाय और फोरम बंगाली सीखने वालों के लिए एक अच्छा संसाधन हो सकते हैं। यहाँ आप प्रश्न पूछ सकते हैं, अनुभव साझा कर सकते हैं, और अन्य लोगों से सीख सकते हैं।
निष्कर्ष
बंगाली भाषा, साहित्य, और संस्कृति की समृद्धि को समझने के बाद, आप इसके प्रति और अधिक आकर्षित होंगे। बंगाली भाषा का इतिहास, भौगोलिक विस्तार, लिपि, और व्याकरण आपको इसकी विविधता का अनुभव कराएंगे।
बंगाली साहित्य, संस्कृति, और व्यंजनों की विविधता को जानने से आपको इस भाषा और संस्कृति के प्रति गहराई से समझने में मदद मिलेगी। आप बंगाली सीखने के संसाधनों का उपयोग करके अपनी समझ को और भी मजबूत बना सकते हैं।
बंगाली भाषा सारांश और बंगाली संस्कृति सारांश को समझने से आपको इस क्षेत्र में गहराई से जानने का अवसर मिलेगा। अब आप बंगाली भाषा और संस्कृति के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित होंगे।
FAQ
बंगाली भाषा सीखने के लिए सबसे अच्छा तरीका क्या है?
बंगाली भाषा सीखने के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम, भाषा विनिमय कार्यक्रम, और बंगाली साहित्य पढ़ना अच्छा तरीका है।
बंगाली लिपि क्या है और इसे कैसे सीखा जा सकता है?
बंगाली लिपि बंगाली भाषा की अपनी लिपि है, जिसे बंगाली वर्णमाला कहा जाता है। इसे ऑनलाइन ट्यूटोरियल और भाषा सीखने के ऐप्स के माध्यम से सीखा जा सकता है।
बंगाली संस्कृति के मुख्य त्योहार कौन से हैं?
बंगाली संस्कृति के मुख्य त्योहार दुर्गा पूजा, पोहेला बैशाख (बंगाली नववर्ष), और सरस्वती पूजा हैं।
बंगाली व्यंजनों में सबसे प्रसिद्ध व्यंजन क्या हैं?
बंगाली व्यंजनों में मछली के व्यंजन, रसगुल्ला, संदेश, और मिष्टि दोई बहुत प्रसिद्ध हैं।
बंगाली साहित्य के प्रमुख लेखक कौन हैं?
बंगाली साहित्य के प्रमुख लेखकों में रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरुल इस्लाम, और शरत चंद्र चटर्जी शामिल हैं।
बंगाली भाषा का इतिहास क्या है?
बंगाली भाषा का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है, जब यह संस्कृत और अन्य प्राचीन भाषाओं से प्रभावित थी। इसका विकास मध्यकाल में हुआ और आधुनिक बंगाली का उदय ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ।
बंगाली भाषा सीखने के लिए कौन से संसाधन उपलब्ध हैं?
बंगाली भाषा सीखने के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम, भाषा सीखने के ऐप्स, यूट्यूब चैनल, पुस्तकें, और शब्दकोश उपलब्ध हैं।
टिप्पणियाँ